गांवों के सामाजिक प्रभाव का आकलन (SIA) की जन-सुनवाई चिटेहरा के प्राइमरी स्कूल के प्रांगण में हुई।

 दिल्ली- मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (DMIC) से प्रभावित किसानों ने नए भूमि अधिग्रहण कानून-2013 के लाभ के लिए दी आर- पार के आंदोलन की चेतावनी। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा।



दादरी : दिल्ली- मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (DMIC) परियोजना के लिए चल रही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के अन्तर्गत परियोजना से प्रभावित चिटेहरा और कठेडा आदि गांवों के सामाजिक प्रभाव का आकलन (SIA)  की जन-सुनवाई चिटेहरा के प्राइमरी स्कूल के प्रांगण में हुई।

सभी किसानों ने  एक सुर में रजिस्ट्री के माध्यम से या अधिग्रहण के माध्यम से जमीन लिए जाने से प्रभावितों सभी किसानों को बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट एवं उनके सभी बालिग बच्चों को रोजगार तथा गांवों का विकास तय मानकों के अनुसार किए जाने की मांग को लेकर जिला प्रशासन के समक्ष मजबूती से अपनी बात मंच के माध्यम से रखी। किसानों ने आरोप लगाया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है, डीएमआईसी परियोजना के लिए प्राधिकरण ने जिन किसानों की जमीन बैनामों से ली थी उनसे वायदा किया था कि भविष्य में उन्हें नए कानून का लाभ भी दिया जाएगा लेकिन अब उनके साथ वायदा खिलाफी की जा रही है, केवल अधिग्रहण से प्रभावित किसानों से ही सामाजिक प्रभाव का आकलन (SIA) के फॉर्म भरवाए गए हैं जबकि रजिस्ट्री के समय किए गए वायदे के अनुसार उनके फॉर्म नहीं भरवाए गए हैं, जो कि उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय है, किसान इसके लिए चुप बैठने वाले नहीं हैं।  चिटेहरा, कटेहरा, पल्ला- पाली एवं बोड़की आदि गांवों के किसानों ने सर्व सम्मति से फैसला लिया है कि सभी गांवों में जन- जागरण अभियान चलाया जाएगा, साथ ही चेतावनी दी कि यदि उन्हें बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट एवं प्रत्येक बालिग बच्चे को रोजगार तथा गांवों के भूमिहीनों तथा गरीबों को भी रोजगार व पुनर्वास का लाभ नहीं दिया गया तो आर- पार का आंदोलन किया जाएगा। मौके पर किसानों ने SDM दादरी को मुख्य मंत्री और जिलाधिकारी के नाम का ज्ञापन भी सौंपा।


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