ऐतिहासिक बाराही मेला-2024- पुलस्त्य मुनि ने बाराही मेला स्थल पर सैकड़ों वर्षो तक की थी, तपस्या ।


मनोज तोमर दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ब्यूरो चीफ गौतमबुद्धनगर 

ग्रेटर नोएडा।सूरजपुर में प्राचीनकालीन बाराही मंदिर है, जंहा इन दिनों बाराही मेला चल रहा है, इस बाराही मंदिर के पीछे कई तरह की किवदंतियां भी है। ऐसे कहा कि रावण के दादा पुलस्त्य मुनि ने मेला स्थल पर सैकड़ों वर्षो तक तपस्या की थी। वहीं लोगों को वराह और बराही ने दर्शन दिए थे। बताया जाता है कि पृथ्वी को नाश से बचाने की वजह से लोगों ने वराह और बराही माता की पूजा करनी शुरू कर दी थी। शिव मंदिर बाराही मेला समिति के अध्यक्ष चौधरी प्रधान धर्मपाल भाटी ने बताया कि रावण के दादा पुलस्तय ऋषि ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। यह शिवलिंग आज भी यहां विराजमान है। वहीं, रावण के पिता विश्रवा ऋषि द्वारा स्थापित शिवलिंग भी बिसरख गांव में विराजमान हैं। बिसरख को रावण का गांव माना जाता है जिसे विश्रवा ऋषि के नाम से बसाया गया और आज बिसरख के नाम से जाना जाता है। विश्रवा ऋषि ने यहां बराही मंदिर में तप भी किया था। कहा जाता है क कि भगवान शिव ने दर्शन देकर उन्हें कुल पुरोहित बनाया था। उसी समय बाराही देवी की स्थापना की गई थी। उन्हीं की तपस्या का फल है कि बाराही मंदिर परिसर में स्थित चमात्कारिक सारेवर में नहाने से समस्त चर्म रोग खत्म हो जाते हैं। उसी किवंदितयों के अनुसार प्राचीन काल से ही यहां बराही मेले का आयोजन किया जा रहा है। माना जाता है कि जो भी इस मंदिर में मन्नत मांगता है, उसकी मनौती पूरी हो जाती है। यहां तीन मंदिर हैं। इनमें एक वराह और उनकी माता बराही का, दूसरा शिव और तीसरा हनुमान जी का मंदिर है। पहले यहां मां वैष्णों देवी की गुफा भी खासा आकर्षण का केंद्र रह चुकी है। शिव मंदिर बाराही मेला समिति के महासचिव ओमवीर बैंसला ने बताया कि मेले के दौरान देश के कोने.कोने की संस्कृति की झलक यहां दिखाई देती है और बडी संख्या में लोग यहां मेला देखने के लिए आते हैं। ग्रेटर नोएडा स्थित सूरजपर बाराही मंदिर में कैसे पहुंचा जा सकता है? दिल्ली की तरफ से आने वाले लोग नोएडा सेक्टर .37 से बस द्वारा सूरजपुर आ सकते हैं। जब कि दूसरी ओर नोएडा.ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के जरिए परी चौक आइए जहां से सूरजपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है। यमुना एक्सप्रेस-वे और ईर्स्टन पेरीफैरल एक्सप्रेस-वे के जरिए ग्रेटर नोएडा पहुंचना आसान है। यदि आप जीटी रोड से आ रहे तो सिकंद्राबाद या फिर दादरी के रास्ते सूरजपुर तक पहुंच सकते हैं। उत्तरीय रेलवे की दिल्ली हावडा मेन लाइन पर दादरी रेलवे स्टेशन स्थित हैं, जहां से सीधा सूरजपुर के लिए पहुंचा जा सकता है। शिव मंदिर बाराही मेला समिति के कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल ने बताया कि शिव पीठ पर यहां सदियों से बाराही मेला लगता चला आ रहा है। सिल्ले का अनाज बेच कर पुराने जमाने में लोग बाराही मेले में दूध जलेबी और चाट पकौडी खाने के लिए आते थे। पहले यह मेला 1 दिन का और फिर 2 दिन का लगता था। जब से शिव ंमंदिर सेवा समिति ने बाराही मेले की कमान अपने हाथों में संभाली है, भव्य और धूमधाम से पूरे 12 दिन तक मनाया जाता है। शिव मंदिर बाराही मेला समिति के मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा ने बताया कि बाराही मेला स्थल रमणिक स्थल को सूरजपुर धाम के रूप में विकसित किए जाने के लिए योजना तैयार की जा रही है। शिव मंदिर सेवा समिति, बाराही माता के भव्य मंदिर का निमार्ण शीघ्र ही करने जा रही है।

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