विकास के लिए तरस्ता दादरी नोएडा का मुख्य सम्पर्क मार्ग

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश का मुख्य द्वार जिला गौतमबुद्धनगर नगर को देश विदेश में नोएडा के नाम से जाना जाता है। देश के सभी राज्यों के कोने कोने से आये परिवार रोजगार के लिए अपना आसियाना नोएडा में बनाये हुए हैं। उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक राजस्व नोएडा एवं गाजियाबाद जिलों के द्वारा ही दिया जा रहा है एक तरफ नोएडा बाकी सारा उत्तर प्रदेश। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नोएडा अपनी खुशशुरती की छटा बिखेर रहा है लेकिन नोएडा और ग्रेटर नोएडा निवासियों का काफी समय और धन की बर्बादी टूटे रोड और जाम से हो रही है। दादरी नोएडा मार्ग अपने आप में एक स्वस्थ शरीर की रीढ़ है जो गांव देहात और शहरी विकास को एक दुसरे के साथ जोड़ता है। नोएडा का सबसे पुराना मुख्य सम्पर्क मार्ग भी है। दादरी, दादरी रेलवे रोड, दादरी बाईपास, तिलपता, देवला, सुरजपुर नोएडा रोड की अनेकों बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। टूटी सड़क से घंटो जाम से रोजाना गुजरने वाले अपने गन्तव्य तक पहुंचने वाले लाखों यात्री परेशान रहते हैं। दादरी बाईपास और रेलवे रोड से समस्याएं आरंभ हो जाती है कंटेनर डिपो के सामने टूटी फूटी सड़क ऊपर से बड़े वाहन यात्रियों की समस्याओं में चार चांद लगा देते हैं थोड़ा आगे चलकर तिलपता गांव छोटा रास्ता चारों तरफ पानी लबा लब और जाम भरपूर फिर थोड़ा आगे तिलपता चौक पार करना कोई बड़ी लड़ाई जितने जैसा है थोड़ा आगे देवला जहां ये पता नहीं है सड़कों में गड्डे है या गड्डे में सड़क, आगे सुरजपुर तक रोड पर गाड़ी की गति अधिकतम 10-20 प्रतिघंटा लगभग निश्चित ही है है आगे घंटा चौक , तुस्याना,भंगेल और सिलारपुर तक पहुंचा किसी देश पर जीत हासिल कर ली हो ऐसा खुशी प्रतीत होती है। कार्यालय में थकान के कारण कार्य करना असम्भव हो जाता है। ज़ख्मों पर नमक छिड़कता प्राधिकरण का बिल्डरों के प्रति असीम प्रेम के कारण जहां-जहां आवश्यकता नहीं थी मेट्रो वहां पर मेट्रो स्टेशन सुनसान पड़े हैं। नोएडा दादरी रोड भरपूर मात्रा में मेट्रो की आवश्यकता थी क्योंकि की सुरजपुर पुरे जिले का केंद्र है और जिला मुख्यालय भी लेकिन यहां सभी ने मुंह पर पट्टी बांध रखी है। नोएडा दादरी रोड से सम्बंधित विभाग,जिला प्रतिनिधि और अथोरिटी कार्रवाई करने को तैयार नहीं यह समस्या तब और गम्भीर हो जाती है जब जिला प्रशासन भी मौन की भूमिका निभाता। 

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