ज्ञानवापी केस, न्याय हित में एएसआई का सर्वे जरूरी है: हाईकोर्ट

ज्ञानवापी प्रकरण में हाईकोर्ट ने याचिका को किया खारिज !

प्रयागराज।  ज्ञानवापी केस:21 जुलाई 2023 को वाराणसी के जिला जज द्वारा दिया गया था आदेश व, आप को बताते चलें कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है। गुरूवार की सुबह सुबह इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। फैसले के मुताबिक हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला जज की अदालत द्वारा दिए गए फैसले को चैलेंज करने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद यह तय हो गया है कि 21 जुलाई 2023 को वाराणसी के जिला जज द्वारा दिया गया फैसला लागू रहेगा। उस फैसले में जिला जज ने आदेश दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद में मंदिर अथवा मंदिर की सत्यता जानने के लिए भारतीय पुरात्त्व विभाग एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे कराया जाए। मुस्लिम पक्ष इस फैसले के विरोध में हाईकोर्ट गया था। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को रद्द कर दिया है।

हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज की, ज्ञानवापी मस्जिद में मामले में हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है साथ ही न्यायालय ने कहा कि न्याय के लिए यह जरूरी है।  21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे का आदेश दिया था।  मुस्लिम पक्ष ने पहले सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में एसआई सर्वे के फैसले को चुनौती दी थी।  अब हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है ।

न्याय हित में एएसआई का सर्वे जरूरी है: HC

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा न्याय हित में एएसआई का सर्वे जरूरी है कुछ शर्तों के तहत इसे लागू करने की आवश्यकता है। वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है, कोर्ट ने जामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे को हरी झंडी दे दी है । दरअसल, 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी के ASI सर्वे का आदेश दिया था । मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी अब हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा न्याय हित में एसआई का सर्वे जरूरी है कुछ शर्तों के तहत इसे लागू करने की आवश्यकता है ।

दरअसल पिछले दिनों जिला जज एके विश्वेश ने शुक्रवार को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था । एसआई को 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत को सौंपनी थी इसी आदेश के बाद एएसआई की टीम सोमवार को ज्ञानवापी का सर्वे करने पहुंची थी लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।  कोर्ट ने सर्वे पर 2 दिन के लिए रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को हाई कोर्ट जाने को कहा था इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट का रुख किया था । सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी।

क्या है ज्ञानवापी विवाद?

दरअसल 2021 अगस्त में 5 महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज के सामने एक वाद दायर किया था इसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने शृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी।  महिलाओं की याचिका पर जज ने सर्वे कराने का आदेश दिया था।  कोर्ट के आदेश पर पिछले साल सर्वे हुआ था उसके बाद यहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था । दावा था कि मस्जिद के वज़ूखाने में शिवलिंग है, इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी । कोर्ट ने इसे सील करने का आदेश दिया था । इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।  सुप्रीम कोर्ट ने केस जिला जज को ट्रांसफर कर इस इस वाद की पोषणीयता पर नियमित सुनवाई कर फैसला देने का निर्देश दिया था।  मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील दी गई थी कि यह  प्रावधान के अनुसार और उपासना स्थल कानून 1991 के अनुसार ये वाद पोषणीय नहीं है । इसके बाद 5 महिलाओं में से चार ने इसी साल मई में एक प्रार्थना पत्र दायर किया था जिसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद को छोड़कर पूरे परिसर का फैसला सुनाते हुए एसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था

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