अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस धूमधाम के साथ मनाया

 रिपोर्टर मनोज तोमर,गाजियाबाद,दिनांक 1/अगस्त/19,  गुर्जर प्रतिहार राजवंश के सम्राट मिहिर भोज की जयंती और अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस के अवसर पर पूरे उत्तर प्रदेश सहित देशभर में रंगारंग कार्यक्रम के आयोजन के साथ मनाया गया।  विधायक तो फिर प्रोफ़ेसर डॉ विनोद नागर व दीपक भाटी गुर्जर ने सम्राट मिहिर भोज के जयंती पर अपने पैतृक गांव गनौली, भाजपा कार्यालय लोनी सहित बागपत, गौतमबृद्धनगर व दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। विधायक ने उपस्थित लोगों को अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस की बधाई देते दी। वहीं आदिवराह सम्राट मिहिर भोज की जयंती पर पुष्प अर्पित कर नमन करते हुए उनके गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज भी जब इतिहासकार गुर्जर समाज के गौरवशाली इतिहास का मूल्यांकन करते है तो यह कह उठते है कि भारतीय इतिहास में साम्राज्य की परिभाषा को परिभाषित अगर सही मायने में कोई करता है तो वह गुर्जर-प्रतिहार वंश जिन्होंने सर्वाधिक 400 वर्ष शासन किया। सुशासन के नए आयाम दिए भारत को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया। आज जब हम अखंड भारत का स्वपन देखते है या भारत के विश्वगुरू बनने पर चर्चा करते है तो हमारे सामने स्वतः ही सम्राट मिहिर भोज के साम्राज्य का कालखंड याद आता है। जब हिमालय में कश्मीर की सीमा, मुलतान के अरब-राज्य तक प्रतिहार वंश का भगवा ध्वज लहराता था। जब तक हमारा राज था अरब आक्रमणकारियों की हिम्मत नहीं थी कि वे मां भारती के धरती की तरफ आंख उठा कर देख सकें। क्षेत्रफल विस्तार से लेकर, स्थापत्य कला में मुगल साम्राज्य द्वारा हमारे स्थापत्य कला से बने महलों और किला को नष्ट किए जाने के बावजूद भी जो हिस्सा बचा है वो दुनिया को अचरज में डालता है। सुशासन, वित्तिय एवं धार्मिक मान्यताओं की कसौटी पर भी हम सर्वश्रेष्ट रहें। मौर्य साम्राज्य ने लगभग 150 वर्ष , गुप्त साम्राज्य ने 230 वर्ष शासन किया इसके बाद तीसरे व अंतिम साम्राज्य गुर्जर-प्रतिहार राजवंश का था, हमारा था जिस कुल में आदिवराह महान सम्राट मिहिर भोज का जन्म हुआ और सर्वाधिक 400 वर्ष तक शासन करने का हमें सौभाग्य प्राप्त हुआ इसके बाद कोई ऐसा साम्राज्य राजवंश नहीं हुआ जो चक्रवर्ती सम्राट बन पाता। परिणामस्वरूप हमें गुलामी की जंजीर प्राप्त हुई।


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