राजेश बैरागी/
नोएडा : कहीं पढ़ा या किसी ने बताया तो हमने घर में फतवा जारी किया कि सब्जी में हरी मिर्च डाली जाए। पत्नी जी ने आज्ञा मानी और अगले समय जब खाना चखा तो मुंह जल गया। पूछने पर उन्होंने बताया कि आपके (हमारे) कहने पर हरी मिर्च डाली गई है और लाल मिर्च यथावत डाली गई है। इस उदाहरण का संबंध नौएडा प्राधिकरण के विद्युत एवं अनुरक्षण विभाग से है। शहर में सभी स्थानों पर स्ट्रीट लाइट (एलईडी) लगाने और उनकी देखभाल का जिम्मा बाह्य एजेंसी को दिया गया है। बाह्य एजेंसी ने अपना काम संभाल भी लिया है। इसके बावजूद प्राधिकरण के इ एंड एम विभाग में तेल का खेल बदस्तूर चल रहा है। इस विभाग की लगभग एक दर्जन गाड़ियां जिनपर हाइड्रोलिक लिफ्ट लगी है हर रोज लाइटें ठीक करने के नाम पर शहर में निकलती हैं।इन गाड़ियों को प्रतिदिन पैंतीस लीटर तेल प्रति गाड़ी दिया जाता है। बगैर काम यह तेल कहां जाता है क्या यह जानना मुश्किल है।तीस चालीस साल से तेल का यह खेल यूं ही चल रहा है।( फ्यूचर लाईन टाइम्स हिंदी साप्ताहिक )
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