-->

सफलता के लिए बदलाव आवश्यक है- सत्यम सिंह बघेल

हमें लगता है, सफलता और हमारे बीच बहुत सारी परिस्थितियां खड़ी हुई हैं, बहुत सारे लोग खड़े हुए हैं जो हमें आगे नही बढ़ने दे रहे, किन्तु यह गलत है। हमारे और सफलता के बीच केवल एक ही इंसान खड़ा है और वह आदमी है 'हम स्वयं'। केवल हम। यह बहुत ही गम्भीर विषय है। इस पर हम सभी को बहुत गम्भीरता से चिंतन करना होगा। हम ही हमारी कामयाबी की रुकावट कैसे बनते हैं?


समान डिग्री होने के बाद भी, एक ही कंपनी में काम करने वाले दो लोगों की वेतन अलग-अलग क्यों होती है? मुम्बई में अभिनय की दुनिया में कदम रखने के लिए हर रोज लगभग 20 हजार लोग आते हैं लेकिन उनमें से केवल 20 लोग ही चयनित क्यों हो पाते हैं? सरकारी नौकरी के लिए लाखों लोग परीक्षा देते हैं किन्तु समान शिक्षा होते हुए भी कुछ चुनिंदा लोग ही क्यों चयनित हो पाते हैं? राष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलने का सपना लाखों युवा देखते हैं लेकिन उंगलियों में गिने जा सकें इतने लोग ही क्यों खेल पाते हैं? सबके पास 24 घण्टे होते हैं लेकिन कुछ लोग ही क्यों सफल हो पाते हैं? ऐसा क्यों? बहुत गम्भीर विषय है। यह पूरी दुनिया का विषय है। गहराई से सोचना होगा, सभी को निष्पक्ष रूप से चिंतन करना होगा।


इसकी सिर्फ एक वजह है, अपनी कौशल क्षमता और दक्षता को मजबूत न करना। अपने आप पर काम न करना। सफल होने के लिए। व्यवसाय, नौकरी, पढ़ाई में नित नई प्रगति करने के लिए हमें खुद पर काम करना होगा। प्रश्न यह उठता है कि खुद पर काम करना क्या होता है। खुद पर काम करना आर्थत सतत नया सीखते रहना, नया अनुभव लेते रहना, नया ज्ञान प्राप्त करते रहना और प्रेरक पढ़ते रहना। यह नया सीखने की आदत ही हमारी कौशल क्षमता को निखारती है। व्यक्ति कौशल क्षमता में जितना निखार लाता है, वह उतना ही सफल होता है। उसे सफलता को खोजने की आवश्यकता नही पड़ती बल्कि सफलता खोजते हुए उसके पास चलकर आती है।


यही वजह है कि एक ही जगह पर, एक व्यक्ति सफल हो जाता है और दूसरा असफल रह जाता है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, नरेंद्र मोदी, विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर, लता मंगेश्कर, अमिताभ बच्चन इन सबने निरंतर नया सीखकर अपनी कौशल क्षमता को निरंतर निखारा है तभी प्रगतिपथ पर निरंतर अग्रसर रहे। यदि हम चाहते हैं कि लोग हमसे प्रभावित हों, तो हमें निरन्त सीखते रहना होगा। अपनी कौशल क्षमता को निरंतर निखारना होगा। खुद में निरंतर बदलाव व सुधार लाना होगा। सफलता के लिए बदलाव आवश्यक है और बदलाव के लिए निरंतर सीखते रहना होगा।


आज और अभी प्रण लीजिये कि मुझे ज्यादा से ज्यादा नया सीखना है। परिस्थितियों को दोष देने की बजाय खुद को बदलना होगा, स्वयं में सुधार लाना होगा। अगर बारिश होती है तो हम बारिश को नही रोक सकते लेकिन छाता या रैनकोट पहनकर खुद को सुरक्षित कर सकते हैं। इसी तरह सफलता के लिए हम किसी अन्य व्यक्ति या परिस्थिति को दोष नही दे सकते बल्कि खुद पर काम करके, बदलाव ला सकते हैं और सुधार कर सकते हैं, सफलता अर्जित कर सकते हैं। ध्यान रखें कि सफलता और हमारे बीच केवल हम स्वयं हैं। हम खुद पर काम करके, स्वयं कि कौशल क्षमता व दक्षता को बढ़ाकर, सफलता के पथ पर अनवरत आगे बढ़ सकते हैं।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ