Renewable Energy Expo 2022 का बुधवार से तीन दिवसीय आयोजन शुरू, निर्यात को बढ़ावा देने पर फोकस।



दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स  ब्यूरो चीफ गौतम बुद्ध नगर

ग्रेटर नोएडा।नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़े 15वें क्रिस्टल संस्करण ‘रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो-2022’ का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन ग्रेटर नोएडा में 28 से 30 सितंबर तक होगा।दरअसल इंफॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने गुरुवार को दिल्ली में इस एक्सपो के लिए प्री-इवेंट प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था ताकि भारत में अक्षय ऊर्जा उद्योग की बाजार क्षमता के बारे में एक ब्रीफिंग प्रदान की जा सके।अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने वाले और पावरहाउस समारोह के रूप में गिने जाने वाले, आरईआई एक्सपो को इंडियन बायो गैस एसोसिएशन (आईबीए), ब्लूमबर्ग न्यू एनर्जी फाइनेंस (बीएनईएफ), नेशनल हाईवे ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल (एनएचईवी), वर्ल्ड बिजनेस काउंसिल ऑफ सस्टेनेबल डेवलपमेंट (डब्ल्यूबीसीएसडी), काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू), ब्रिज टू इंडिया (बीआईटी) और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के बीच, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी)  इंडो लैटिन अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएलएसीसी), क्लीनटेक बिजनेस क्लब और इंडो जर्मन एनर्जी फोरम (आईजीईएफ) जैसे कुछ बड़े नामों से मजबूत समर्थन मिला है।आरईआई 2022 एक्सपो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं, व्यापारियों, खरीदारों और पेशेवरों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों के लिए एक सर्व समावेशी बदलाव लाने वाला एक्सपो होगा. एक्सपो आईपीपी, सोलर सेल, सोलर पीवी मॉड्यूल, सोलर पैनल, बैटरी, ईवी चार्जर और इंफ्रास्ट्रक्चर, इन्वर्टर, कंपोनेंट, डीलर / डिस्ट्रीब्यूटर, सिस्टम इंटीग्रेटर, बायोमास और विंड के मानकों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।आरईआई में जर्मनी, अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम और अन्य विदेशी देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे, यहाँ कनाडा, बेल्जियम और जर्मनी एक्सपो फ्लोर पर पवेलियन बनाने वाले हैं. आईबीए और सीएलईएएन द्वारा बनाये गए जैव ऊर्जा के विकेंद्रीकृत नवीकरणीय पवेलियन इस आयोजन का विस्तार करेंगे. REI को उद्योगों से अच्छा समर्थन मिल रहा है, और यहां क्लीनटेक सोलर, अडानी सोलर, विक्रम सोलर, हुआवेई, सात्विक, हैवेल्स, वारी, प्रीमियर एनर्जी, सनग्रो और गोल्डी सोलर जैसे उद्योग जगत के दिग्गज शामिल होंगे।पीएम मोदी की हालिया उद्बोधन में हरित ऊर्जा को अत्यधिक गहनता से अपनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाया है. मंत्रिमंडल ने औपचारिक रूप से नए नेशनली डेटरमाईंड कॉन्ट्रिब्यूशन (एनडीसी) को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत भारत ने 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन गति को 45% तक कम करने का लक्ष्य रखा है. यह भारत के गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों में बदलाव का भी संकेत देगा और 2030 तक अपनी संचयी विद्युत शक्ति का 50% इससे प्राप्त करेगा. इस फैसले से भारत ने 2070 तक के अपने दीर्घकालीन लक्ष्य नेट जीरो को हासिल करने की मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाई है.दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र सहित उत्तर भारत देश में सौर ऊर्जा के प्रमुख हॉटस्पॉट के रूप में स्थित है. यहां केंद्र की नीतियां हरित ऊर्जा के नवीकरणीय क्षेत्र पर आधारित है. हाल ही में, दिल्ली हवाई अड्डे ने पूरी तरह से हरित ऊर्जा की ओर बढ़ने की पुष्टि की है और अपनी सभी ऊर्जा जरूरतों के लिए जल और सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहा है. इस नई नीति को अपनाने के साथ, यह पहला ऐसा हवाई अड्डा बन गया जो अपने सभी कार्यों के लिए जल और सौर ऊर्जा के उपयोग कर सेवाएं दे रहा है

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